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जैन धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर || Quiz on Jain Dharm

by staff

आइए दोस्तों आज हमलोग जैन धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर को देखते हैं। जो आने वाले आपके सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- SSC CGL, CHSL, MTS, Railway, Group D, NTPC, Police Exam साथ ही UPSC, BPSC, JPSC, MPPSC, UPPCS इत्यादि के लिए अतिमहत्वपूर्ण होंगे। लेकिन प्रश्न की ओर बढ़ने से पहले हमलोग जैन धर्म के बारे में थोड़ा बहुत बेसिक जानकारी को जान लेते हैं।

फ्रेंड्स सबसे पहले तो ये जानते हैं कि ‘जैन’ शब्द किससे बना है? तो यह बना है ‘जिन’ से जिसका अर्थ होता है- जीतने वाला। किस चीज को जीतने वाला तो इंद्रियों को जीतने वाला।

जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं, जो इस प्रकार है- (1) ऋषभदेव, (2) अजितनाथ, (3) सम्भवनाथ, (4) अभिनन्दन, (5) सुमतिनाथ, (6) पद्मप्रभु, (7) सुपार्श्वनाथ, (8) चन्द्रप्रभ, (9) सुविधिनाथ, (10) शीतलनाथ, (11) श्रेयांसनाथ, (12) वासुपूज्य, (13) विमलनाथ, (14) अनंतनाथ, (15) धर्मनाथ, (16) शांतिनाथ, (17) कुंथुनाथ, (18) अरसनाथ, (19) मल्लिनाथ, (20) मुनिसुब्रत, (21) नेमिनाथ, (22) अरिष्टनेमि, (23) पार्श्वनाथ, एवं (24) महावीर स्वामी।

तीर्थंकर का अर्थ संसार सागर से पार कराने के लिए औरों को मार्ग बताने वाला होता है। जैन धर्म के संस्थापक तथा पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे। इन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है। ऋग्वेद में ऋषभदेव/आदिनाथ की चर्चा हुई है।

जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। ये काशी के इक्ष्वाकु वंशीय राजा अश्वसेन के पुत्र थे। पार्श्वनाथ ने चार शिक्षाएं दी थी – (1) सत्य बोलो, (2) चोरी न करो, (3) हिंसा न करो (4) सम्पति न रखो।

भगवान महावीर स्वामी

जैनियों के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी हुए। जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक महावीर स्वामी को ही माना जाता है। महावीर स्वामी का जन्म 540 ई०पू० में वैशाली के निकट कुण्डग्राम में हुआ था। इनका बचपन का नाम वर्धमान था। बाद में इन्हें महावीर जैन कहा जाने लगा। ये वर्ण के क्षत्रिय एवं कुल के ज्ञातृक थे। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ था जो वज्जि संघ के प्रमुख सरदार थे। इनकी माता त्रिशला लिच्छवि शासक चेटक की बहन थी। इनके बड़े भाई का नाम नंदिवर्धन था। महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोदा तथा पुत्री का नाम अनोज्जा पिर्यदर्शनी था। इनके दामाद का नाम जमाली था।

महावीर स्वामी ने 30 वर्ष तक गृहस्थ जीवन जीया था। उस समय तक उनके पिता का देहांत हो चुका होता है। 30 वर्ष के बाद वे अपने बड़े भाई नंदिवर्धन से आज्ञा लेकर घर-गृहस्थी को त्याग दिया। 12 वर्ष तक लगातार कठोर तपस्या एवं साधना के बाद 42 वर्ष की अवस्था में महावीर को जृम्भिका ग्राम के नजदीक ऋजुपालिका नदी के किनारे एक साल के वृक्ष के नीचे कैवल्य (ज्ञान) प्राप्त हुआ। ज्ञान प्राप्ति के बाद महावीर जिन (विजेता), अर्हत (पूज्य) और निर्गन्ध (बंधनहीन) कहलाए।

महावीर स्वामी ने अपना धर्म केंद्र यानी उनकी अपनी जो विचारधारा थी, उसका प्रचार-प्रसार का केंद्र वैशाली को बनाया। महावीर के प्रथम अनुयायी उनके दामाद जामिल बने। तथा प्रथम महिला अनुयायी चम्पा बनी थी। महावीर स्वामी ने अपने उपदेश प्राकृत (अर्धमागधी) भाषा में दिए थे। उनके ग्रंथ भी प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं।

महावीर स्वामी ने त्रिरत्न दिए – (1) सम्यक ज्ञान, (2) सम्यक दर्शन और (3) सम्यक आचरण। उन्होंने बोला कि सम्यक ज्ञान प्राप्त करो यानी सही ज्ञान प्राप्त करो, उसके बाद उन्होंने बोला कि सम्यक दर्शन प्राप्त करो यानी जो भी चीजों को देखो अच्छी चीजों को देखो फिर उन्होंने बोला कि सम्यक आचरण करो अर्थात अपना आचरण इस तरह सुधारो की दूसरों को कष्ट न पहुंचे, दूसरों का दिल न दुखे।

महावीर स्वामी ने पार्श्वनाथ द्वारा दिए गए चार महाव्रतों में पांचवा महाव्रत जोड़ा- ब्रह्मचर्य। जो इस प्रकार है- (1) अहिंसा (हिंसा न करो, (2) सत्य (हमेशा सत्य बोलो), (3) अपरिग्रह (जरूरत से अधिक संपत्ति इकट्ठा न करो), (4) अस्तेय (चोरी न करो) एवं (5) ब्रह्मचर्य।

● जैन धर्म में ईश्वर की मान्यता नहीं है यानी इनके अनुसार ईश्वर नहीं है। वे आत्मा में विश्वास करते हैं।

● महावीर स्वामी कर्मवाद और पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं। कर्मवाद यानी आप जैसा कर्म (काम) करेंगे, वैसा ही फल मिलेगा।

● जैनधर्म ने सप्तभंगी ज्ञान के अन्य नाम स्यादवाद और अनेकांतवाद है।

● 72 वर्ष की आयु में भगवान महावीर की मृत्यु (निर्वाण) 468 ई०पू० में बिहार राज्य के पावापुरी में हो गई।

● जैन धर्म का आध्यात्मिक विचार सांख्य दर्शन (प्रतिपादक- कपिल मुनि) से लिया गया है।

● महावीर स्वामी ने पावा में अपने ग्यारह प्रमुख अनुयायियों के साथ एक संघ की स्थापना की ये ग्यारह शिष्य गणधर कहे जाते थे। इन ग्यारह गणधरों में केवल एक गणधर सुधर्मन ही महावीर स्वामी की मृत्यु के बाद भी जीवित रहे थे।

● जैन धर्म मानने वाले प्रमुख राजा थे- उदायिन, चन्द्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, चंदेल शासक, राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष इत्यादि।

● चौथी शताब्दी ई०पू० में मगध में 12 वर्षों तक भीषण अकाल पड़ जाता है जिससे भद्रबाहु अपने अनुयायियों को लेकर कर्नाटक चले गए थे। और स्थूलभद्र जो थे वो मगध में ही रह गए थे। कुछ समय बाद अकाल खत्म हो जाने पर भद्रबाहु वापस मगध चले आये जब वे यहां आए तो उन्होंने देखा कि जो मगध में रहने वाले जैनी लोग हैं उन्होंने अपनी पूरी विचारधारा ही बदल दिया है, कपड़े पहनने लगे हैं, अलग तरह से रहन-सहन शुरू कर दिए हैं तो इन दोनों में भद्रबाहु और स्थूलभद्र में मतभेद हो गया। जब इन दोनों में मतभेद हो गया तो एक संगीति बुलायी और उस संगीति में जैन सम्प्रदाय दो अलग-अलग उपसम्प्रदायों में बंट गया। भद्रबाहु के समर्थक दिगम्बर (नग्न रहने वाले) कहलाये। ये कोई भी कपड़े शरीर पर धारण नहीं करते थे। स्थूलभद्र के समर्थक श्वेताम्बर (श्वेत वस्त्र धारण करने वाले) कहलाये। यानि ये श्वेत कपड़े पहनने लगे थे।

● जैन धर्म में दो महत्वपूर्ण संगीतियां हुई थी। प्रथम जैन संगीति का आयोजन 322 ई०पू० में पाटलिपुत्र (बिहार) में चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में स्थूलभद्र की अध्यक्षता में हुई थी। इसी संगीति में जैन धर्म दो भागों में बंट गया था। द्वितीय जैन संगीति का आयोजन 512 ई० में वल्लभी (गुजरात) में कुमारगुप्त-II के शासनकाल में देवाधि ऋषि की अध्यक्षता में हुई थी। इस संगीति में आगम ग्रंथ और क्षमाश्रवन ग्रंथों को लिखा गया था।

● भद्रबाहु ने जैन धर्म के सभी तीर्थंकरों की जीवनियों का संकलन कल्पसूत्र नामक पुस्तक में किया था। यह संस्कृत में लिखा गया है।

● थेरापंथी, तेरापंथी, बिसपंथी ये सभी जैन धर्म के उपसम्प्रदाय हैं।

तो जैन धर्म से संबंधित इतनी बेसिक जानकारी का होना काफी है। अब हमलोग यहां जैन धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर का क्विज खेलेंगे। इसमें कुल …. प्रश्न हैं। आप इनमें से कितना सही करते हैं वह स्कोर कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइयेगा। और अगर यह पोस्ट अपको अच्छी लगी हो तो इसे Whatsapp, Facebook आदि जैसे Social Network पर जरूर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पोस्ट को पढ़ सकें।

जैन धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

1. जैन धर्म में कुल कितने तीर्थंकर हुए हैं?

  1. 14
  2. 20
  3. 22
  4. 24

उत्तर : (4) जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं।

2. जैनियों के पहले तीर्थंकर कौन थे?

  1. आदिनाथ
  2. अरिष्टनेमि
  3. पार्श्वनाथ
  4. अजितनाथ

उत्तर : (1) जैनियों के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव थे। इन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।

3. निम्नलिखित में से कौन जैन धर्म के असली संस्थापक माने जाते हैं?

  1. ऋषभदेव
  2. महावीर स्वामी
  3. पार्श्वनाथ
  4. नेमिनाथ

उत्तर : (2) जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी को माना जाता है। वैसे तो जैन धर्म की स्थापना प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) ने की थी।

4. महावीर स्वामी का जन्म कहाँ हुआ था?

  1. कपिलवस्तु में
  2. कुण्डग्राम में
  3. पावापुरी में
  4. मगध

उत्तर : (2) महावीर स्वामी का जन्म 540 ई०पू० में वैशाली के कुण्डग्राम में हुआ था। इनकी मृत्यु (निर्वाण) 468 ई०पू० में पावापुरी (बिहार) में हुई थी।

5. महावीर का जन्म किस क्षत्रिय गोत्र में हुआ था?

  1. लिच्छवि
  2. सल्लास
  3. शाक्य
  4. जांत्रिक

उत्तर : (4) महावीर का जन्म कुण्डग्राम में ज्ञातृक क्षत्रिय कुल में हुआ था।

6. महावीर की माता कौन थी?

  1. त्रिशला
  2. देवानन्दी
  3. यशोदा
  4. अनोज्जा पिर्यदर्शनी

उत्तर : (1) महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था। यशोदा उनकी पत्नी तथा अनोज्जा पिर्यदर्शनी बेटी थी।

7. महावीर की मृत्यु कहाँ हुई थी?

  1. श्रवणबेलगोला
  2. लुम्बनी
  3. पावापुरी
  4. पाटलिपुत्र

उत्तर : (3) महावीर की मृत्यु 468 ई०पू० में पावापुरी (राजगीर) में हुई थी।

8. महावीर का मूल नाम क्या था?

  1. गौतम
  2. वर्धमान
  3. सिद्धार्थ
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (2) महावीर स्वामी का मूल नाम वर्धमान था। भगवान गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था।

9. ‘जियो और जीने दो’ किसने कहा?

  1. गौतम बुद्ध
  2. महावीर स्वामी
  3. महात्मा गांधी
  4. विनोबा भावे

उत्तर : (2) महावीर स्वामी

10. जैन धर्म में ‘पूर्ण ज्ञान’ के लिए क्या शब्द है?

  1. निर्वाण
  2. जिन
  3. रत्न
  4. कैवल्य

उत्तर : (4) कैवल्य

11. महावीर एवं बुद्ध दोनों ने किसके शासनकाल में उपदेश दिया?

  1. बिम्बिसार
  2. अजातशत्रु
  3. उदायिन
  4. कालाशोक

उत्तर : (1) महावीर एवं बुद्ध ने मगध नरेश बिंबिसार के शासनकाल में उपदेश दिया। महावीर स्वामी और बिंबिसार निकट संबंधी भी थे, क्योंकि महावीर की माता त्रिशला लिच्छवी शासक चेटक की बहन थीं तथा बिम्बिसार का विवाह चेटक की पुत्री से हुआ था।

12. निम्नलिखित में से कौन सबसे पूर्वकालिक जैन ग्रंथ कहलाता है?

  1. बारह उपांग
  2. बारह अंग
  3. चौदह उपपूर्व
  4. चौदह पूर्व

उत्तर : (4) चौदह पूर्व

13. जैन साहित्य को क्या कहते हैं?

  1. आगम
  2. त्रिपिटक
  3. वेद
  4. आर्यसूत्र

उत्तर : (1) जैन साहित्य को ‘आगम’ (सिद्धांत) कहा जाता है। इसके अंतर्गत 12 अंग, 12 उपांग, 10 प्रकीर्ण, 6 छेदसूत्र, 4 मूलसूत्र एवं अनुयोग सूत्र आते हैं। बौद्ध साहित्य को ‘त्रिपिटक’ कहा जाता है।

14. भगवान महावीर का प्रथम शिष्य कौन था?

  1. प्रभाष
  2. योसुद
  3. जमालि
  4. बिपिन

उत्तर : (3) भगवान महावीर के प्रथम शिष्य उनके दामाद जमालि (अनोज्जा पिर्यदर्शनी के पति) थे।

15. ‘स्यादवाद’ किसका सिद्धांत है?

  1. वैष्णव धर्म का
  2. भागवत धर्म का
  3. बौद्ध धर्म का
  4. जैन धर्म का

उत्तर : (4) ‘स्यादवाद’ जैन धर्म का सिद्धांत है। इसे ‘अनेकांतवाद’ भी कहते हैं।

16. त्रिरत्न सिद्धांत- सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक आचरण- जिस धर्म की महिमा है, वह है-

  1. जैन धर्म
  2. बौद्ध धर्म
  3. ईसाई धर्म
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (1) जैन धर्म

17. जैन समुदाय में प्रथम विभाजन के श्वेतांबर सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे?

  1. भद्रबाहु
  2. स्थूलबाहु
  3. देवर्षि क्षमाश्रवन
  4. कालकाचार्य

उत्तर : (2) महावीर स्वामी की मृत्यु के करीब दो सौ साल बाद जैन धर्म दो भागों में बंट गया – 1. श्वेतांबर में (श्वेत वस्त्र धारण करने वाले), 2. दिगम्बर में (नग्न रहने वाले)। श्वेतांबर के संस्थापक स्थूलबाहु तथा दिगम्बर के संस्थापक भद्रबाहु थे।

18. प्रथम जैन संगीति का आयोजन कहाँ हुआ था?

  1. पावा में
  2. वल्लभी में
  3. पाटलिपुत्र में
  4. आबू

उत्तर : (3) प्रथम जैन संगीति का आयोजन 322 ई०पू० में पाटलिपुत्र में चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में स्थूलबाहु की अध्यक्षता में हुआ था।

19. द्वितीय जैन संगीति का आयोजन  कहाँ हुआ था?

  1. आबू में
  2. वल्लभी में
  3. पाटलिपुत्र में
  4. पावा में

उत्तर : (2) द्वितीय जैन संगीति का आयोजन 512 ई० में वल्लभी (गुजरात) में कुमारगुप्त-II के शासनकाल में देवाधि ऋषि की अध्यक्षता में हुई थी। इस संगीति में आगम ग्रंथ और क्षमाश्रवन ग्रंथों को लिखा गया था।

20. जैन साहित्य का संकलन किस भाषा व लिपि में किया गया है?

  1. प्राकृत व अर्धमागधी
  2. पालि व पूर्ण मागधी
  3. संस्कृत व ब्राह्मी
  4. संस्कृत व देवनागरी

उत्तर : (1) प्राकृत व अर्धमागधी

21. ‘अणुव्रत’ शब्द किस धर्म से जुड़ा है?

  1. बौद्ध धर्म
  2. हिन्दू धर्म
  3. लोकायत मत
  4. जैन धर्म

उत्तर : (2) जैन धर्म

22. महावीर की मृत्यु के बाद जैन संघ का अगला अध्यक्ष कौन हुआ?

  1. वज्रस्वामी
  2. सुधर्मन
  3. मल्लिनाथ
  4. गोशाल

उत्तर : (2) सुधर्मन

23. जैन ग्रंथ ‘कल्प सूत्र’ की रचना किसने की थी?

  1. स्थूलबाहु
  2. हेमचंद
  3. भद्रबाहु
  4. स्वयंभू

उत्तर : (3) भद्रबाहु। यह ग्रंथ संस्कृत में लिखा गया है।

24. जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित चार महाव्रतों में महावीर स्वामी ने पांचवें महाव्रत के रूप में क्या जोड़ा?

  1. अहिंसा
  2. सत्य
  3. अपरिग्रह
  4. ब्रह्मचर्य

उत्तर : (4) महावीर स्वामी ने पार्श्वनाथ द्वारा दिए गए चार महाव्रतों में पांचवा महाव्रत जोड़ा- ब्रह्मचर्य। जो इस प्रकार है- (1) अहिंसा (हिंसा न करो, (2) सत्य (हमेशा सत्य बोलो), (3) अपरिग्रह (जरूरत से अधिक संपत्ति इकट्ठा न करो), (4) अस्तेय (चोरी न करो) एवं (5) ब्रह्मचर्य।

25. स्वामी महावीर के भिक्षुणी संघ की प्रधान कौन थी?

  1. त्रिशला
  2. खेमा
  3. चन्दना
  4. सुजाता

उत्तर : (1) चन्दना

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